अक्षर ज्ञान कराती है हिन्दी
खुशियों के पल, दुःख के हर क्षण
जतलाना सिखलाती है हिंदी।
प्रथम स्वर जीवन की है हिंदी
नींव हमारे व्यक्तित्व की है हिंदी
अहसास हर अनुभव की है हिंदी
ममतामयी माँ की बिंदी है हिंदी
माँ की लोरियों में गाती है हिंदी
पापा के डांट सुनाती है हिंदी
बहन की फरमाइशों से
भाभी के चुहल तक
नित नए तराने सुनाती है हिंदी।
भले अलग हो रंग, रूप और बोली
हिंदी में खेलें हम आंख-मिचौली
दादी की कहानियों से
दादा के लाड़ तक
जीवन जीना सिखाती है हिंदी।
अलग प्रदेश, अलग प्रांत
या हो अलग भले खान-पान वेश-भूषा
भारत की विविध संस्कृतियों को
एकता के सूत्र में लाती है हिंदी।
प्रियतमा के रूठने से प्रियतम के मनाने तक
प्रेम के गीत गुनगुनाती है हिंदी
जान, बाबू, सोना
कहकर प्यार के गीत सिखाती है हिंदी
नगमें सुना वफ़ा के
प्रेम से अवगत कराती है हिंदी
शब्द दे हर ख्वाहिश को
सर्व सम्पूर्ण हमें कराती है हिंदी।
- सुशान्त साईं सुन्दरम
- सुशान्त साईं सुन्दरम
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