जीवन और मरण के बीच जो एकमात्र शाश्वत सत्य है, वो है - प्रेम! भले ही सम्पूर्ण सृष्टि को गॉड पार्टिकल ने जोड़ रखा हो किन्तु वास्तविकता में प्रेम ही है जिसने पूरी प्रकृति को आपस में जोड़ा हुआ है. अतिशय प्रेम में आपको प्रेम के विभिन्न आयाम पढ़ने को मिलेंगे, जो अकिंचित कवि हृदय के अलग-अलग पड़ावों में उमड़ी भावनाएं और पीड़ाएं प्रतीत होती हैं. वहीं कई रचनाओं में कवि हृदय की अपूर्ण आकांक्षाएं भी सहज तरीके से पढ़ने मिलेंगी.
नवोदित रचनाकार होने की वजह से त्रुटियाँ और खामियां भी मिलेंगी, जिनपर पाठकों के सुझाव और मार्गदर्शन सहर्ष आमंत्रित हैं. अतिशय प्रेम में प्रस्तुत प्रेम की इन कविताओं को पाठक प्रेमपूर्वक पढ़ेंगे और प्रेमपूर्वक अपना स्नेहाशीष भी देंगे, ऐसी कामना है. इस कविता संकलन को पढ़कर पाठक खुद को इससे जोड़ सकें इसके लिए बेहद आसन शब्दों और शैली का चयन किया गया है.
अंत में, प्रेम ही है जो चिरकाल तक जीवित रहने वाला है, अतएव बदले में प्रेम की अभिलाषा न कर, आप करते रहें – प्रेम!
पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
0 Comments