9 बजे 9 मिनट! बिजली बंद कीजिए ताकि फिर इसे रौशन कर सकें

आदरणीय बिहारवासियों!
एक समय था जब जलते ढिबरी-लालटेन के बीच भुक से बिजली आती थी। 100-120 वाट के बल्ब भी कूंथ-कांथ कर ढिबरी जितना ही इंजोर कर पाते थे। जितनी देर में ट्यूबलाइट का कॉइल हीट होता था उतने देर में बत्ती गुल। बमुश्किल 9 मिनट रहती होगी बिजली। कभी ट्रांसफार्मर जल जाता था तो तीन-चार महीने वो भी बिजली का दर्शन नहीं होता था। शहर में म्युनिसिपैलिटी और गांव में गांववाले चंदा कर के ट्रांसफार्मर ठीक करवाते थे। इसके लिए मिस्त्री की भी मनुहार करनी पड़ती थी। जले ट्रांसफार्मर से निकाले गए तेल से गांव-देहात में मालिश किया जाता था। दर्द की समस्या के लिए यह रामबाण की तरह था। जोड़ों की दर्द से परेशान बूढ़े-बूढ़ी तो इंतजार तक करते कि कब ट्रांसफार्मर जले और कब मिस्त्री उसका तेल बदले। ट्रांसफार्मर ठीक करवाने के लिए चंदा इकट्ठा करने वाले टोले-मुहल्ले के व्यक्ति को ये बूढ़े-बूढ़े पहले से ताकीद कर देते कि तेल उतरे तो एक शीशी पहुंचा जाएं। बदले में पैसे भी दिए जाते। यह उस ट्रांसफार्मर ठीक कराने वाले व्यक्ति का ऊपरी कमाई हो जाता। तब बिजली की कमी न रहने पर लोगों को खलती नहीं थी। कारण कि न तो इतने बिजली उपकरण थे और न ही इतने प्रदूषण। चूंकि चुनिंदे लोगों के पक्के मकान थे और कच्चे मकान वाले गर्मियों की रात आंगन या ओसारे पर काट लेते थे। ये सारी बातें कोई बहुत पुरानी नहीं।

अब वर्तमान पर आएं तो बदलते समय के साथ लोगों के रहन-सहन में भी परिवर्तन आये हैं। बिजली के उपकरणों पर हम सब आश्रित से हो गए हैं। जाँता पीसकर दाल दररने, खल-मूसल में मसाला कूटने और सिलौटी-लोढ़ी पर चटनी पीसने वाली माताओं की बहुएं मिक्सर-ग्राइंडर से काम कर रही हैं। तपती दोपहरी में ताड़ के पंखे को भिंगोकर उसकी ठंढी हवा में सुलाने वाली माँ की बहुएं एसी में अपने बच्चों को सुला रही हैं।

विश्व बड़ी पीड़ा के दौर से गुजर रहा है। कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाव के लिए हर तरह के प्रयास वैश्विक स्तर पर किये जा रहे हैं। भारत में लॉक डाउन है। प्रधानमंत्री ने 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट तक घर के सभी लाइट्स बंद कर कैंडल, दीये, टॉर्च, मोबाइल फ़्लैश जलाकर कोरोना वायरस का युद्ध लड़ रहे वीरों को अपना समर्थन देने का आग्रह देशवासियों से किया है। इसके लिए 

मेरे प्यारे बिहारवासियों,
मैं सुशान्त साईं सुन्दरम यह कहना चाहता हूँ कि जिस बिहार में कभी 9 मिनट के लिए बिजली आती थी, उस बिहार में आज यह खुशकिस्मती है कि आपको लाइट्स बंद करने के लिए 9 मिनट के लिए स्विच ऑफ करने होंगे। तो कीजिये न। क्यूंकि 9 बजकर 9 मिनट के बाद आपके पास यह तो रास्ता है न कि वापस से स्विच ऑन कर सब कुछ रौशन कर दें।

आइये कोरोना वायरस से बचाव के लिए दिन रात अपना सर्वस्व समर्पित कर जनसेवा कर रहे महानायकों के लिए अपनी कृतज्ञता प्रकट करें।
प्रणाम!
© Sushant Sai Sundaram
#IndiaFightsCorona #9baje9minutes

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